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Interview with CAT 2022 Topper from CSE

  Hello EVERYONE, we are here again but this time with a written interview with Ms. Priyanshi Dalke ma'am. She is from Computer Science Engineering batch 2021 then she worked at TCS for 2 years and currently pursuing MBA from IIM Raipur.  Interviewer:-"When should we start to prepare for CAT?" She:- "Start to prepare for CAT atleast 6 months before the exam (which is generally in November). Many people need to give the exam atleast 2 times before they get it right. So start right away if you want to try for MBA. You might change your mind mid-way, but it is better to start now and change later." Interviewer:- "From which topics or subject should we begin our preparation and why?" She:- "Start with the basics of all topics - Quant, LRDI and VARC. VARC can generally be developed by maintaining a reading habit. But Quant and DILR require a lot of practice. Interviewer:-"How could we manage our preparation with college things like attendance and
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Life of Engineering Student

 So we all only heard from our childhood...that carrier means-  Doctor and Engineering ..... but that time we hadn't imagine that how the path follows for it...... So divided in subjects after 10th and then in 12th on just basis of three subjects yes our JEE Marks.... So finally started journey to my Engineering........ Engineering, a world of dreams..where innovation's the art, But it's laced with challenges, right from the start... In this poetic journey, we'll uncover the strife, And unveil the solutions for engineering life..... Engineering, a canvas where dreams take their flight✈️ Challenges and victories, in equal might. With resilience, teamwork, and knowledge's embrace, We'll engineer a future, where no challenge we'll face. Talking about college campus.... Life on the college campus, a blend so divine, Where dreams and reality intertwine. With each passing day, we grow and learn, On the college campus, the world's our concern... With projects a

First Day of College

 November,1,2022 Tuesday First day experience of my college. College ka wo # pehla din, Raas na aaya doston k bin.... #Maano jaisi ki ek alag hi duniya me aagye ho hm.. #Maano jaise ki ek nye se bhawar me kho gye ho hm.. #Alag the #log  alag tha #nazaara... Man ki uljhano ke #Saagar ka na mil rha tha koi #kinaara.... Wo #pehliclass ki pehli ghadi  #Jaise jud gayee ho koi kadi.... Koi tha #strict as p**** sir.. to koi tha #cheezy Koi tha #tough, to koi tha #easy... #4 saal tak jhelna h #engineering ka torture Jiske liye nhi h koi #estimate or nhi h koi #brochure........ ~VIBHA PANDEY

First Day of College

 तो  तारीख थी 25 अक्टूबर  2021, मैने अपनी गाड़ी पार्किंग मे लगायी दद्दु के कहने के हिसाब से क्युकि उस समय मैं गाड़ी चलाना अच्छे से नहीं जानता था। फिर मैने अपने एक स्कूल के दोस्त को फोन लगाया बस ये निश्चित करने के लिए की वो आ रहा कॉलेज या नहीं। असल मे मुझे पता था की वो नहीं आने वाला है पर क्युकि मुझे कॉलेज मे व्यस्त दिखना था इसलिए मैं एक्टिंग कर रहा था। पर फिर मैने अपने स्कूल के दूसरे  मित्र को फोन किया जिसका जवाब ये आया की वो उसके अन्य दोस्तों के साथ आ रहा है और अभी रास्ते मे है। दरसल हम तीनो स्कूल के दोस्तों का एडमिशन एक ही कॉलेज मे हुआ था, या कह सकते है की एडमिशन होने के बाद दोस्त बन गए थे। कहते है ना की पराई जगह पर सबसे कम पराया भी अपना लगने लगता है।  मैं कुछ समय के लिए कॉलेज की लायब्रेरी के सामने खड़ा हो गया। दस मिनट बीते और मेरा दोस्त कुछ अपने दोस्तो के साथ आता है। हम एक दूसरे से मिलते है और कुछ बातें करते है। मुझे सारी बातें तो याद नहीं है पर जो याद है वो एक लड़की के बारे मे थी। उस दिन एक लड़की भी कॉलेज आने वाली थी जिसकी स्कूटी सफेद रंग की होने वाले थी। उनके हिसाब से वह लड़की बहु

" ज़िंदगी है "

 " ज़िंदगी है " ये जिन्दगी है बस एक उलझी पहेली सी , इसी पहेली की उलझने को ढूंढने में, ना जाने कितने पलों को खुद को , सुलझाने में निरंतर लगाए जा रहे हैं हम, आकर्षण से निर्माण तक , सपने से हकीकत तक , औरों से खुद तक , कल से आज तक , हमने पलटे हैं न जाने कितने पन्ने, इस जिन्दगी के किताब के। अब कुछ और अंधेरे देखने है मुसाफिर, कुछ और कांटो से भरे रास्ते देखने है मुसाफिर, बस कुछ और दूर बची है तेरी मंजिल, अब बस थोड़ी डोर टू थाम जिंदगी की, थोड़ी डोर तुझे खुद सिखाएगी,  अब बस रोशनी पास है, पक्के रास्ते पास है, अब बस कुछ और अंधेरे देखने है मुसाफिर । किसी लहर सी मुसीबत से बहक जाऊ,  इतना कमजोर तो नहीं है ये जिन्दगी, किसी पुराने किस्से को आज पर हावी होने दे, इतना कच्ची भी तो नहीं है ये जिन्दगी , खुद को खुद की जीत याद दिलाते हुए, खुद की जीत को खुद सच होते देखना है । बस यही उम्मीद जताई नहीं दूसरो को, पर खुद को हर रोज़ तो बताई है ना । कि रुक गई अगर ये कोशिशें तो साथ क्या रहेगा, कि थाम ली अगर ये सब संघर्ष की घड़ियां तो, तो वक्त कैसे बताएगा अपनी पहचान क्या है, कि बस एक कदम आगे है ये सब चाहते। ये

आस लाया हुं

।।आस लाया हुं।।  शरण में तेरी बहुत आस लाया हुुं ,”2” बिना कुछ ललए सब कुछ, मैं लाया हुुं. माना की भक्त नहीं हु, मैं उतना काबिल “2” पर दिल मैं तेरा अक़्स लाया हुुं, शरण में तेरी बहुत आस लाया हुुं ,”2” बिना कुछ ललए सब कुछ, मैं लाया हुुं. ना कोई लोभ है ना है कोई इच्छा”2” फिर भी मनोकामना बहुत ख़ूब लाया हुुं. मैं तेरे चरणों में अपना शीश नवाता हुुं शरण में तेरी बहुत आस लाया हुुं ,”2” बिना कुछ लाएं सब कुछ, मैं लाया हुुं. सुना था मिलोगे ढ़ूुंढने पे कही भी कभी भी,”२” मैं अंतर्मन में शोध करके आया हुुं।। मैं तेरे चरणों मेंअपना शीश नवाता हुुं शरण में तेरी बहुत आस लाया हुुं ,”2” बिना कुछ लाए सब कुछ,  मै लाया हुुं.                          ~ Akhilesh Kumar Kanik

मैं लहराता उन साँसो से, जो सरहद पर भीड़ जाती है

मैं लहराता उन साँसो से  जो सरहद पर भीड़ जाती है मेरा अस्तित्व बचाने  खुद को जो क़ुर्बान कर जाती है  मेरे ख़ातिर ये अपनो को  घन घोर सी पीड़ा दे जाती है  मैं लहराता उन साँसो से  जो सरहद पर भीड़ जाती है एक नए भारत के लिए  अपनो से भी जुदा हुए वो  अपने घर को अनाथ करके  मेरा आँगन सज़ा गये वो   मैं लहराता उन साँसो से  जो सरहद पर भीड़ जाती है सौ सालो तक क़ैदी थी में  आज़ादी मुझको दिला गये वो  मेरा स्वाभिमान बचाने  खुद की जाने मिटा गये वो                           ~   By Sukanya Shidhaye