जब देश को खतरा हो गद्दारों से
तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है
जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का
तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है
जब हर ओर फैल गई हो निराशा देश में
तो क्रांति का बिगुल बजाना जरूरी है
जब नारी खुद को असहाय पाए
तो उसे लक्ष्मीबाई बनाना जरूरी है
जब नेताओं के हाथ में सुरक्षित न रहे देश
तो फिर सुभाष का आना जरूरी है
जब सीधे तरीकों से देश न बदले
तब विद्रोह जरूरी है
तो उनको ये गणतंत्र राज्य कैसे बना ये बताना जरूरी है
इसलिए हम सबको गणतंत्र दिवस मनाना जरूरी है।
72-75 वर्ष क्या गुजरे, हम सब ये भूल गये ।
क्यों मारी आजाद ने गोली , क्यों भगत सिंह फांसी पे झूल गये।
लोग भूले हैं शहीदों के घरो की आयी आँधी को।
सुभाष को भूले है ये भूल गये है गाधी को ||
आधुनिकता के आलसी भूल गये, डायर की उस मनमानी को।
जहा हसकर फेंक दिया, हजारों ने अपनी जवानी को ।
याद न होगा सन् 57, स्वतंत्रता की अगामी को।
मंगल को ये भूल गये, भूल गये झाँसी की रानी को ।
ये भूल गये कैसे इस बलिदानी युग का अंत हुआ।
कैसे देश स्वतंत्र और कैसे निर्मित गणतंत्र हुआ ||
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फूलो सा मुस्कुराता हमारा वतन रहे,
फूलो सा मुस्कुराता हमारा वतन रहे।
तारो सा जगमगाता हमारा वतन रहे,
हम बुलबुले है इसके ये हमारा चमन है,
हम बुलबुले है इसके ये हमारा चमन है,
मुझे सबसे प्यारा ये मेरा वतन है |
दिल से निकलेगी ना मर कर ये वतन की उल्फत,
दिल से निकलेगी ना मर कर ये वतन की उल्फत |
मेरी मिट्टी से भी ये खुशबू ये वफा आएगी,
सारे जहा से अच्छा ये हिंदुस्तान हमारा,
सारे जहा से अच्छा ये हिंदुस्तान हमारा |
हम बुलबुले है इसके ये गुलसिता हमारा |
3rd Semester
Mechanical Branch
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