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Showing posts from December, 2022

देश की आन, उनकी आन...

 देश की आन, उनकी आन...  देश की शान पे कुर्बान...  वादियो की बर्फीली थंड में तैनात रेगिस्तान की गरम रेत में तैनात  देश की सुरक्षा में अपनी जान गवाते है  देश से दुश्मनों का साया हटाते है..!  मौसम चाहे कैसा भी हो, अपने कर्तव्य से वो कहा पीछे हट जाते है,  जब हो बात हिंदुस्तान के शेरो की  तो भारत के मेजर सोमनाथ शर्मा और कैप्टन विक्रम बतरा जैसे नाम सामने आते हैं..!                       By Vedant Maholkar                             1st Year CS

MANTHRA : The hidden Enemy | Part I

  "मंथरा" सिर्फ एक शब्द नहीं अपितु एक अध्याय है जो मनुष्य के चरितार्थ की अनचाही व्याख्या करता है। त्रेता मे घटित रामायण की मूल थी ' मंथरा ' , अगर मंथरा न होती तो शायद श्रीराम को कभी मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम से नहीं जाना जाता । वो मंथरा ही थी जिसकी संगति के कारण केकैयी माता को कुमाता के रूप मे याद किया जाता है। मंथरा कोई नाम नहीं बल्कि एक चरित्र है जिसे कभी 'मंथरा' के नाम से जाना जाता है तो कभी 'शकुनी' के नाम से । त्रेता मे एक मंथरा थी , द्वापर मे एक शकुनी था परन्तु कलयुग मे अनेकों मंथराए व अनेकों शकुनी हमारे इर्द गिर्द रहते हैं । ऐसे ही कई शकुनी व मंथराओं से मैं अपनी चार वर्ष की इंजीनियरिंग के दौरान  मिला । इन मंथराओं को पहचानना शुरुआती दिनों मे काफी मुश्किल होता है पर धीरे धीरे उनका चरित्र दिखाई देने लगता है । मंथराओं की सबसे बड़ी खूबी 'ढोंग' करना होती है। वे आपको अपने मायाजाल मे फंसा लेती हैं और धीरे धीरे आप दुनिया को उनके नजरिए से देखना शुरु कर देते है। यह जरूरी नहीं कि मंथरा एक लड़की ही हो , यह लड़का भी हो सकता है और सच कहूं तो